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21 September, 2012

लड़ी...बूंदो की ...

लड़ी...बूंदो की ...
झड़ी ..सावन की ...
घड़ी  ....बिरहा की ... 
बात ..मनभावन की ...
रात ...सुधि आवन की .....
सौगात ......... नीर  बहावन की ......!!

42 comments:

  1. वाह आपने तो बूंदों की परिभाषा ही बदलदी

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  2. वाह बेहद मनभावन क्षणिका

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  3. bahut sundar andaj hai aapka bahut pasand aaya

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  4. झड़ी सावन की...
    सौगात नीर बहावन की ...
    खुबसूरत और सच्चे एहसास !

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  5. सओगात नीर बहावन की -कितनी अनोखी सोगात है -बहुत मनभावन aditipoonam

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  6. कसकती सौगात - मार्मिक

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  7. wah wah wah;;;;;;;;;;;

    kya baat hai
    bahut acchi kavita..

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  8. बूँदो की बहुत सुन्दर परिभाषा...

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  9. Really sweet, few but lyrical words. :)

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  10. बहुत सुन्दर....
    शुभा मुद्गल जी का वो धांसू गीत याद आ गया......
    रूत सावन
    घटा सावन की...ऐसे चमके बरसे...
    सादर..
    अनु

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  11. विरह को बखूबी लिखा है ... सुंदर

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  12. बहुत ही भाव-प्रवण कविता । मेरे नए पोस्ट 'समय सरग पर आपका इंतजार रहेगा। धन्यवाद।

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  13. जब मन दुखी हो ...तो सारी सृष्टि साथ देती है ....सुन्दर !

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  14. बहुत ही प्यारी सी छोटी सी अभिव्यक्ति.... :)
    ************

    प्यार एक सफ़र है, और सफ़र चलता रहता है...


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  15. वाह, सबकी आवश्यकता है।

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  16. वाह ... बेहतरीन अभिव्‍यक्ति

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  17. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (23-09-2012) के चर्चा मंच पर भी की गई है!
    सूचनार्थ!

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  18. बहुत आभार शास्त्री जी ...!!

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  19. बहुत सुन्दर मनभावन प्रस्तुति

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  20. Splendid picture of the rainfall in the park and a very apt and appropriate poem.
    Thanks for reading my blog regularly and leaving your beautiful comments.
    Have a nice weekend Anupama. Regards Ram

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  21. बहुत सुंदर शब्द ,अर्थ ,भाव बिम्ब |आभार

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  22. सावन में विरह की वेदना अपने चरम पर होती हैं।

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  23. सावन की ये झड़ी मनोभावों को किसी दुसरे स्तर तक ले जाती है.
    बहुत सुंदर.

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  24. बूँदों की लड़ी में क्या कुछ रच गया...
    खूबसूरत मनभावन रचना !:-)
    ~~सादर !!!

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  25. बहुत सुन्दर
    मनभावन...
    :-)

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  26. बेहतरीन अभिव्यक्ति वाह

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  27. हलचल पर अपना लिंक देख कर ह्रदय में खुशी की हलचल होती है ...!!बहुत आभार यशोदा जी ..

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  28. बरखा की नन्हीं बूदों से ही तो सब निखरता है फिर यह तो प्रेम है , सुन्दर रचना हेतु बधाई |

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  29. बहुत सुन्दर ...मेरी नई पोस्ट मे स्वागत है आप का

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  30. सावन की बूंदों के साथ विरह अभिव्यक्ति .शब्द भले कम हो लेकिन भाव प्रबल और मनोहारी है . बहुत सुन्दर दी .

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  31. बहुत मनभावन अभिव्यक्ति...

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  32. बहुत सुन्दर प्रकृति का चित्रण

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  33. शब्द और चित्र दोनों मन को भिगो गए।

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  34. बहुत आभार आप सभी को ...
    इस भाव को आप सभी ने पसंद किया ...!!

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  35. वाह ! चंद शब्दों में विरह की गाथा बारिश के बहाने..

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